क्या है स्वदेशी प्लेटफॉर्म Zoho? जिसे रेलमंत्री भी कर चुके हैं इस्तेमाल — माइक्रोसॉफ्ट और गूगल को टक्कर देने वाला भारतीय टेक दिग्गजक्या है स्वदेशी प्लेटफॉर्म Zoho? जिसे रेलमंत्री भी रहे इस्तेमाल, माइक्रोसॉफ्ट और गूगल को देगा टक्कर

Zoho

स्वदेशी प्लेटफॉर्म Zoho: भारतीय टेक्नोलॉजी की दुनिया में क्रांति भारत ने पिछले कुछ वर्षों में टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में कई नई ऊंचाइयां हासिल की हैं। इन्हीं में से एक चमकता हुआ नाम है Zoho Corporation, जो पूरी तरह से भारतीय स्वदेशी सॉफ्टवेयर कंपनी है। यह प्लेटफॉर्म न केवल भारत में बल्कि दुनियाभर में माइक्रोसॉफ्ट और गूगल जैसी दिग्गज कंपनियों को चुनौती दे रहा है। रेलमंत्री समेत कई सरकारी अधिकारी हैं इसके यूज़र Zoho की लोकप्रियता का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि भारत के रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी इस स्वदेशी प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करने की पुष्टि की थी। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा कि वे Zoho का प्रयोग करते हैं क्योंकि यह “पूरी तरह भारतीय और सुरक्षित” है।यह बयान आने के बाद Zoho का नाम देशभर में ट्रेंड करने लगा और लोगों ने इस प्लेटफॉर्म को विदेशी विकल्पों के मुकाबले अपनाने की दिशा में रुचि दिखानी शुरू की। क्या है Zoho? Zoho Corporation एक भारतीय सॉफ्टवेयर कंपनी है जिसकी स्थापना 1996 में श्रीधर वेम्बू (Sridhar Vembu) ने की थी। इसका मुख्यालय चेन्नई और अमेरिका के कैलिफोर्निया में स्थित है।Zoho कई तरह के क्लाउड-आधारित बिज़नेस टूल्स और एप्लिकेशन प्रदान करता है, जिनमें शामिल हैं: इन सेवाओं के ज़रिए कंपनियां अपने पूरे बिज़नेस सिस्टम को डिजिटल रूप से चला सकती हैं — बिना माइक्रोसॉफ्ट 365 या गूगल वर्कस्पेस पर निर्भर हुए। Zoho क्यों है खास? दुनिया में बढ़ता प्रभाव Zoho के आज 100 मिलियन (10 करोड़) से ज़्यादा यूज़र हैं। यह 180 से अधिक देशों में अपनी सेवाएं दे रहा है।भारत के अलावा अमेरिका, जापान, सिंगापुर और यूरोप में भी Zoho का बड़ा ग्राहक आधार है। कई अंतरराष्ट्रीय कंपनियां अब Zoho के टूल्स को अपने सिस्टम में इंटीग्रेट कर रही हैं। माइक्रोसॉफ्ट और गूगल को दे रहा है टक्कर Zoho का पूरा ईकोसिस्टम (ईमेल, डॉक्यूमेंट, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, अकाउंटिंग, CRM आदि) इसे सीधे तौर पर Microsoft 365 और Google Workspace के बराबर खड़ा करता है।जहां विदेशी प्लेटफॉर्म्स के लिए भारत को केवल एक “मार्केट” के रूप में देखा जाता है, वहीं Zoho ने भारत को “इनोवेशन सेंटर” बना दिया है। संस्थापक का विज़न Zoho के सीईओ श्रीधर वेम्बू का कहना है — “हमारा लक्ष्य सिर्फ सॉफ्टवेयर बेचना नहीं, बल्कि भारत को तकनीकी रूप से आत्मनिर्भर बनाना है।” वेम्बू ने ग्रामीण क्षेत्रों में Zoho के R&D सेंटर खोलकर यह साबित किया है कि भारत के छोटे कस्बों से भी विश्वस्तरीय तकनीक विकसित की जा सकती है। निष्कर्ष Zoho आज भारत की उस नई टेक पहचान का प्रतीक बन चुका है जो “Made in India, Built for the World” की भावना को साकार करता है।रेलमंत्री से लेकर छोटे स्टार्टअप तक, हर कोई इस स्वदेशी प्लेटफॉर्म की ओर रुख कर रहा है। आने वाले समय में Zoho, भारत की डिजिटल स्वतंत्रता की दिशा में एक अहम कदम साबित हो सकता है।

Flipkart Big Billion Days: नहीं करना होगा इंतजार, iPhone 17 समेत प्रीमियम स्मार्टफोन्स की 10 मिनट में होगी डिलिवरी

Flipkart 10 Minutes Delivery: ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म Flipkart अगले हफ्ते से साल की सबसे बड़ी सेल Big Billion Days लेकर आ रहा है। इस बार ग्राहक सिर्फ भारी डिस्काउंट्स का ही मजा नहीं लेंगे, बल्कि फटाफट डिलिवरी का अनुभव भी कर पाएंगे। खास बात यह है कि अब आपको घंटों इंतजार करने की जरूरत नहीं होगी, क्योंकि Flipkart Minutes सेवा के तहत कुछ चुनिंदा प्रोडक्ट्स सिर्फ 10 मिनट में घर पर डिलीवर हो जाएंगे। फ्लिपकार्ट मिनट्स क्या है? Flipkart Minutes दरअसल ई-कॉमर्स कंपनी की क्विक डिलिवरी सेवा है। इसका मकसद ग्राहकों तक प्रोडक्ट्स को बेहद कम समय में पहुंचाना है। इस बार बिग बिलियन डेज सेल के दौरान इस सेवा का फायदा 19 शहरों और लगभग 3000 पिन कोड्स में दिया जाएगा। यानी बड़े शहरों के साथ-साथ अब टियर-2 शहरों जैसे अंबाला, गुवाहाटी, जयपुर, लखनऊ, कानपुर और पटना के लोगों को भी यह सुविधा मिलेगी। सिर्फ 10 मिनट में मिलेगा iPhone 17 अब तक लोग नए iPhone 17 को खरीदने के लिए ऐपल स्टोर्स के बाहर घंटों लाइन में खड़े नजर आ रहे थे। लेकिन अब यही फोन फ्लिपकार्ट से सिर्फ 10 मिनट में आपके घर तक पहुंच जाएगा। इसके साथ ही कई और प्रीमियम स्मार्टफोन्स को भी इसी क्विक डिलिवरी लिस्ट में शामिल किया गया है।

Army जवान को अपशब्द कहने वाली महिला से HDFC ने किया किनारा, माफी मांगने का वीडियो भी वायरल

रेपो रेट में बदलाव न होने से Home Loan पर कैसा असर? आज की बैठक में रेपो रेट की दरों को 5.50% ही रखा गया है. अंतिम कटौती जून में गी गई थी. RBI ने रेपो रेट में बदलाव नहीं किया है तो इससे होम लोन लेने वालों के लिए कोई राहत नहीं होगी. मौजूदा और नई लोन की ब्याज दरें स्थिर रहेंगी, जिससे EMI में कोई कमी नहीं आएगी. इसका मतलब है कि आपका मासिक कर्ज का बोझ वही रहेगा और त्योहारों या अन्य मौकों पर आर्थिक फायदा नहीं मिलेगा. Repo Rate में कटौती से क्या होता? रेपो रेट की दरों में कटौती होने से यह इस वर्ष की चौथी कटौती हो सकती थी. फिलहाल, रेपो रेट की दर 5.50% है जो उतनी ही बरकरार रखी गई है. आरबीआई चार एमसपीसी मीटिंग में से 3 में रेपो रेट की दरों को कम कर चुका है. इनमें फरवरी, अप्रैल और जून में हुई मीटिंग में यह फैसला लिया गया था. अगस्त की मीटिंग में भी कोई कटौती नहीं हुई थी. इस कड़ी में अक्टूबर भी शामिल हो गया है.

Jio Special Offer: अब Jio हुआ और भी सस्ता! 75 रुपये के रिचार्ज में मिलेगी अनलिमिटेड डेटा और कॉलिंग की सुविधा

RBI Monetary Policy 2025: भारतीय रिजर्व बैंक की MPC मीटिंग के नतीजे आ गए हैं. गवर्नर संजय मल्होत्रा ने रेपो रेट में किसी बदलाव को कोई ऐलान नहीं किया है. यह मीटिंग 29 सितंबर से शुरू हुई थी जिसकी पूरी जानकारी आज संजय मल्होत्रा ने जारी कर दी है. इससे साफ होता है कि आपके लोन की EMI पर कोई भी बदलाव नहीं हुआ है. अगस्त के बाद अक्टूबर की मीटिंग में भी रेपो रेट की दर 5.5% रही है. इससे पहले 3 बार रेपो दरों में कटौती की जा चुकी है. आज की बैठक अहम इस बैठक की अध्यक्षता आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा करेंगे. यह मीटिंग 29 सितंबर से शुरू हुई थी और 1 अक्टूबर यानी आज तक चलेगी. मीटिंग सुबह 10 बजे शुरू हुई थी. इस बैठक में कुल छह सदस्यों ने भाग लिया था. मीटिंग के परिणामों की घोषणा प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए की गई . इसमें रेपो रेट और अन्य प्रमुख नीतिगत उपायों के बारे में बताया गया जिसमें रेपो रेट में अगस्त के बाद दूसरी बार किसी भी तरह कोई बदलाव नहीं हुए हैं.

RBI का आम लोगों को झटका, रेपो रेट में नहीं किया गया कोई बदलाव

RBI Monetary Policy 2025: भारतीय रिजर्व बैंक की MPC मीटिंग के नतीजे आ गए हैं. गवर्नर संजय मल्होत्रा ने रेपो रेट में किसी बदलाव को कोई ऐलान नहीं किया है. यह मीटिंग 29 सितंबर से शुरू हुई थी जिसकी पूरी जानकारी आज संजय मल्होत्रा ने जारी कर दी है. इससे साफ होता है कि आपके लोन की EMI पर कोई भी बदलाव नहीं हुआ है. अगस्त के बाद अक्टूबर की मीटिंग में भी रेपो रेट की दर 5.5% रही है. इससे पहले 3 बार रेपो दरों में कटौती की जा चुकी है. आज की बैठक अहम इस बैठक की अध्यक्षता आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा करेंगे. यह मीटिंग 29 सितंबर से शुरू हुई थी और 1 अक्टूबर यानी आज तक चलेगी. मीटिंग सुबह 10 बजे शुरू हुई थी. इस बैठक में कुल छह सदस्यों ने भाग लिया था. मीटिंग के परिणामों की घोषणा प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए की गई . इसमें रेपो रेट और अन्य प्रमुख नीतिगत उपायों के बारे में बताया गया जिसमें रेपो रेट में अगस्त के बाद दूसरी बार किसी भी तरह कोई बदलाव नहीं हुए हैं.